पप्पू जी ! pappu ji
इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं , घटनाएँ थोडा मेल खा सकती हैं ?
खान्ग्रेसियों की आपातकाल मीटिंग बुलाई गयी कि भैय्या ये पप्पू जी अगर ऐसा ही देशप्रेम दिखाते रहे तो अगली बार तो अपना सूपड़ा साफ़ होना तय है ?
तभी एक जवान टाइप के बूढ़े पिग्गी चाचा बोले :- शादी क्यूँ नहीं करवा देते कुंवर साब की , अब हमको ही देख लो ? जबसे शादी हुई है , चुपचाप बत्तीसी फिट करके सो रहे हैं ?
दूसरा बोला :- क्यों बिचारे पप्पू से पोगो छुड़वा रहे हो , कहीं समझदार बीवी मिल गयी तो हम सबकी छुट्टी करवा देगी ?
तभी एक शत्रु टाइप का नेता बोला :- खामोश ! पहले यह पता लगाओ , भाषण लिखा किसने था ?
तभी एक डॉन टाइप नेता बोला :- आतंकी भाई ने पाकिस्तान से हमें मेल किया था हमने सिर्फ फॉरवर्ड किया और .... हम तो खुद भोंचक्के रह गए कि हमारा पत्र ये कैसे पढ़ रहे हैं ?
तभी एक कबर में पैर लटकाये नेता बोले :- अगर तुम सब लोगों को अपनी लाइफ टाइम बैटरी चार्ज रखनी है तो कम से कम जिस थाली में खाया है उसमे तो छेद न करो ?
( ये हमारी कल्पना है )
सभी एक स्वर में बोले " भारत माता की जय " !!!
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