घर की लोकसभा ?
पत्नी जी का रंग लाल खरबूज की तरह देखकर हमने , मिमियाते हुए पूछा ?
क्या हुआ पड़ोसन से झगडा या कोई मिल गया तगड़ा ?
वो नथुने फुला कर बोली :- स्मृति जी के भाषण को सुनकर मेरा भी मन कर रहा है कि सुना डालूं , दो - चार !
हमने कहा :- हाँ - हाँ , जरुर सुनाना अपने " मन की भड़ास " को , लेकिन पहले हमें " पत्नी-द्रोह " तो करने दो ?
पत्नी जी बोली :- वो जब की तब देखेंगे, अभी स्टार्टअप के लिए ही सही , मुझे अपना काम निपटाने की पड़ी है और तुम्हें फेसबुक पर सुनाने की ?
नोट :- आज से " सौ सुनार की और एक लोहार की" वाली कहावत में बदलाव किया गया है !
" सौ महारानी की और एक स्मृति ईरानी की "
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें