चाकलेट डे !

दुकान पर पहुँच कर श्रीमान जी बोले :- भैया , एक सस्ती सी लेकिन बड़ी सी चाकलेट देना जरा ? बीवी को टिकानी है !
दुकानदार ने शकल देखी और दो चाकलेट पटक दी , दस वाली कडबरी और पांच वाली पर्क !
श्रीमान जी ने पर्स से एक फटा पुराना पांच का नोट निकालकर दिया , पर्क उठाई और घर की तरफ निकल लिए ! लेकिन बाहर से ही पड़ोसन की बात सुनकर उनके होश उड़ गए  , वो बता रही थी , आज मुझे ये  दस वाली कडबरी ले आये और कहने लगे  "हैप्पी चाकलेट डे" , मैंने उलटे पाँव लौटाया और एक किलो रसमलाई मंगवाई !!
श्रीमान जी ने डर के मारे बहाना सोचा  और घर के अन्दर घुसते हुए बोले :- " ये मकरंद दल वाले भी चाकलेट लेने वालों को पकड़ रहे हैं वरना आज तुम्हारे लिए सौ रूपये वाली कडबरी ला रहे थे !
पत्नी बोली :- अच्छा , गज़ब , इतना प्यार .........???
श्रीमान जी :- फिर !!! फटीचर समझा है क्या ?
पत्नी :- तभी तो थोड़ी देर पहले  दुकान वाले भैया का फ़ोन आया था कि पांच वाली चाकलेट ले गए हैं और फटा पांच का नोट टिका गए हैं जिसके आधे भाग में दो रूपये का नोट चिपका है ! 
:- किसी को रसमलाई का ठेला दिखे तो रुकवा लेना ??  " हैप्पी रसमलाई डे "


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