क्यूँ हंसा रहे हो भाई ! कन्हैया लाल को फिर पीट दिए बे क्या लगा रखा है बे वो कोई मंदिर का घंटा है आओ और बजाओ ? हम आज फिर इसकी कड़ी निंदा करते है ? और भगवान से प्रार्थना करते है की हमें बार बार कड़ी निंदा मौक़ा मिलता रहे ? कोई तो बताओ आज़ादी से कढ़ी निकली क्या ?
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