भेल अन्टाइन डे !

पत्नी जी ने कहा :- सुनो जी , वेलेंटाइन डे आ रहा है ! हमने कहा प्रेम-पत्र लिखने की कला तो अब पृथ्वी से डायनोसोर की तरह विलुप्त हो रही है , क्यूंकि मोबाइल पर ही सब " चिम्प्ड-चूं " हो जाती है , फिर भी पुरानी यादों को ताज़ा कर लेता हूँ  :- 

माय डिअर वेलेंटाइन , 
                        सदैव ह्रदय से चिपके रहो ! 

अपने जीवन रूपी उपवन  में पुष्प की तरह सुगन्धित रहो !  घर में , ऑफिस में , ट्रैन में , कार में , तुम्हारी  सांसे ( बैटरी ) चलती रहें , इस जन्म में अब , तुमसे बिछुड़ने की कल्पना ही मेरी अंतिम सांस जैसी लगती  है  ! 
पत्नी ने बीच में ही बात काटी और बोली :- मैं समझ गयी , " आप " अपने मोबाइल को "वेलेंटाइन" समझ कर लिख रहे हैं   , लेकिन नया मोबाइल इस साल नहीं मिलेगा , समझे ! स्क्रीन गार्ड लगाओ , दिन भर घिसते - घिसते अंगूठा छोटा हो गया है लेकिन अकल बड़ी नहीं हुई अब तक ? 
भाई , मेरे वेलेंटाइन ( मोबाइल ) पर " आप " की लाठी चल गयी लेकिन हिम्मत नहीं हारी , अब  मक्खन लगाने के लिए आप की भाभी को "भेल अन्टाइन"  के लिए चाट के ठेले पर लुढ़का रहा हूँ  ??  

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