आज कौन सा डे ?
हमने कहा :- कुछ नहीं , ऐसे ही ?
वो बोली :- आज कोई डे - वे नहीं हैं , चुपचाप बैठो शांति के साथ , हुंह !!
हम बोले :- खाली - फोकट में दिमाग का दही मत करो वर्ना सही में " शांति " के साथ .....
पत्नी ने बीच में बोलती बंद करते हुए कहा :- तो , जाइये न , सुबह से बजरंगी भैया भी अपना प्यासा लट्ठ लेकर घूम रहे हैं कि शायद आज कोई जोड़ा सपड जाए ? तब तक मैं , हल्दी भिगो कर रखती हूँ ! सर्जरी का भाई जी का हॉस्पिटल भी आज कल चल नहीं रहा ?
नोट :- कुछ भी कहो , कितना ख्याल रखती हैं ये पत्नियाँ , हल्दी भी तैयार है जखम पर लगाने के लिए और भाई के हॉस्पिटल में फ्री सर्जरी ?
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