जीवन का सच ?

हा हा हा !
मित्रों रोना नहीं , आंसू आँख भी साफ़ करती हैं ?
"उम्र " नामक पाठशाला में समय रूपी अध्यापिका उपस्थिति लगा रही  हैं !
क्लास :- 45 ( अर्थात जिनकी उम्र इसके आसपास या अधिक है )
क्लास का वातावरण , मूव , आयोडेक्स और अमृतांजन की महक से सुगन्धित है और कुछ हवाइयां उड़ते हुए चेहरे , बिखरे हुए बाल , पिचके हुए गाल और भी जाने क्या - क्या ? उनमें एक या दो हँसमुखी चेहरे !
"आप" भी हाज़री की गवाही बनिए ! हा हा हा !
दुःख   :  यस मैडम !
संताप :  यस मैडम !
अस्वस्थता :  यस मैडम !
नीरसता  : :  यस मैडम !
जिद  : :  यस मैडम ! ( पूरी तरह से  )
नैराश्य : :  यस मैडम !
कर्ज की क़िस्त  : रहूंगी न मैडम जी  !
किट किट  : कहाँ जाउंगी मैडम ! हूँ न !
चिंता  : कभी अनुपस्थित रही हूँ , मैडम जी ! रोज रहूंगी !
अनुभव : रोज़ नए नए होते हैं ? आये है , मैडम जी
आनंद : ?,
आनंदऽ : ? ? ?
आनंद : नहीं  आया !
शांति  : नहीं आई !
समाधान : मैडम जी , उसने शाला छोड़ दी ?
भाई , आज आप मुस्कुराये या नहीं ? , सुना है हंसने वाले कभी बूढ़े नहीं होते , जहाँ तक अपना सवाल है जिस दिन पत्नी जी कह देंगी ??????????............................... उस दिन भी नहीं मानेंगे , हा हा हा !

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