कबाड़ी से नेता !

एक  नेता जी को कबड्डी के फाइनल के दिन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया !
उन्होंने माइक सम्हाला और फड़फडाते हुए बोले :- भाइयों और बहनों , वैसे तो आज हमें किसी हंसमुखी को प्रोपोस  करने जाना है , लेकिन कबड्डी से लगाव की वजह से पहले यहाँ खिंचे चले आये ! 
हमे कबड्डी जैसे खेल पर गर्व है - कबड्डी देश की शान है। मेरा भी कबड्डी से बचपन से ही घनिष्ठ संबंध रहा है। मेरा एक दोस्त "कबाड़ी" था। 

जैसे ही लास्ट का शब्द बोला :- हवा - तूफान और आंधी आ गयी ??

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