बेलन टाइन डे !
पुरानी पोस्ट , पकने के लिए .....बेलन टाइन डे .......
बेलन लगता है तो लग जाए बेशक, मगर,
बेगम का यूँ हरदम निशाना लगाना – मुझे पसंद नहीं
कभी कभी पूरे परिवार को डिनर पर ले जाता हूँ मैं,
क्यूंकि रोज रोज बीवी संग बर्तन धुलवाना – मुझे पसंद नहीं
मांगे पूरी कर देता हूँ मै बेगम की हमेशा टाइम पर,
थका-मांदा घर लौंटू, उस फिर पिटना-पिटाना – मुझे पसंद नहीं
सरदर्द बेग़म का मुझे परेशान करता है हरदम,
पहले बाम लगाना फिर ,सर भी दबाना – मुझे पसंद नहीं
शादी का ये लड्डू होता है कैसा, जरा पूछे कोई मुझसे,
डायबिटीज़ चाहे कितनी हो , इसको देखकर ही ललचाऊँ – मुझे पसंद नहीं
झगड़ा बेगम से वो भी फेसबुक के कारण , यह मुमकिन नहीं,
ठिठुर- ठिठुर कर बिना कम्बल, रात घर से बाहर बिताना – मुझे पसंद नहीं
कल सब्जी जलाई थी , फिर दूध उफाना , पोंछा लगाया ,
लेकिन कडकडाती ठंडी में , बच्चों को भी नहलाना - मुझे पसंद नहीं
करोड़पति परिवार की इकलोती बेटी है हमारी बेगम,
कैसे कहूँ , ससुर जी, कि ये पुराना कबाड़खाना अब – मुझे पसंद नहीं
बताईं हैं मैंने गिनती की बातें ही आपको जनाबे-आली,
अब सभी को यूँ हाल-ए-दिल बताना – मुझे पसंद नहीं..... मुझे पसंद नहीं ...
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