फेसबुक V/s व्हाट्सएप



मेरी कहानी नहीं है ?

फेसबुक और व्हाट्सऐप पर बातचीत का फर्क :- 

एक फेसबुकिये का पूरा परिवार फेसबुक पर और व्हाट्सऐप पर हमेशा अलर्ट रहता था !

पत्नी ने अपने ग्रुप में पोस्ट डाली , प्रिये कब आओगे ? रसमलाई खाने का मन हो रहा है ?

ग्रुप के सदस्यों  ने तड़ाक - फड़ाक से अपनी भाभी जी को रसमलाई के ताजे ताजे फोटो कमेंट्स भेज दिए , हज़ारों लाइक आ गए !

साली साहिबा ने भी कमेंट्स जड़ दिया , " जीजू , आधी रसमलाई इधर भी ??

हँसमुखी पति ने भी जवाब दिया :- सबको यह बताने के लिए तहे दिल से आभारी हूँ कि " मैं तुम्हें दाल रोटी ही नहीं , रसमलाई भी खिलाता हूँ , जुम्मन हलवाई से पैक करवा ली हैं , बस अभी टपक रहा  हूँ !

व्हाट्सऐप पर भी यही मेसेज पत्नी जी ने चिपका दिया था !

प्रिये कब आओगे ? रसमलाई खाने का मन हो रहा है ?

पति ने उस मेसेज का व्हाट्सऐप पर रिप्लाई दिया !

पति :- कुछ काम धाम है कि नहीं , भुक्कड़  कहीं की ! अभी , बिहार में लालू जी ने राबड़ी खाई नहीं और तुम्हें रसमलाई की पड़ी है ! दीवाली का बना और पड़ोसियों के घर से आया हुआ ,जो  दिन भर ठूंसती रहती हो ख़तम हो गया क्या ? 

पत्नी :- रुकिए , यही कॉपी पेस्ट कर रही हूँ फेसबुक पर ??

पति ( फोन लगाकर ) :- अरे , पगली क्या अब मैं मजाक भी नहीं कर सकता , रस्ते में हूँ , रसमलाई का रस टपक रहा है , भले ही मुझे मत देना पर फेसबुक पर कुछ न लिखना ?

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