मूड
पत्नी जी का मूड कुछ उखड़ा - उखड़ा सा लग रहा था ,
शायद काम वाली बाई आज , वही साड़ी पहन आई थी जो हमने कल दिलाई थी ?
हम :- चलो , कल दूसरी साड़ी दिला देंगे , तैयार हो जाओ , पड़ोस वाली भाभी की लड़की की शादी में चंलना है !
पत्नी :- बड़ी जल्दी पड़ी है , हँसमुखी भाभियों से मिलने की ? ज्यादा जल्दी है तो अकेले ही चले जाओ !
पति ( मस्का लगाते हुए ) :- तुम्हारे बिन सूना लगेगा , अच्छा हरी साड़ी पहन लो , बहुत अच्छी लगती है तुम पर !
पत्नी :- क्यों , साड़ी ही क्यों ? क्या ससुराल है मेरी वहां ?
पति ( खिसियाते हुए ) :- अच्छा तो लाल वाला सूट पहन लो , पटियाला कट ..
पत्नी :- ताकि , सब लोग ताने कसें ... " बूढी घोड़ी लाल लगाम " ! यही चाहते हो न ? तुम रेलवे वालों को हरा - लाल के सिवाय कुछ नहीं सूझता क्या ?
पति ( आखिरी हथियार डालते हुए ) :- अच्छा , जैसे भी चलना हो चलो !!! बस !
पत्नी ( मुंह बनाते हुए ) :- हाँ , सब लोग पूछेंगे तो यही तो कहोगे कि फेसबुक और व्हॉट्सऐप पर बैठी रहती है दिन भर , इसलिए ठीक से तैयार भी नहीं हो पायी ??
पति अपना सर फोड़ रहा है , आज बेहोश होने का मूड नहीं है ?
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