बिहार की शोले
*** बिहार के चुनाव निपटते ही , शोले अगर आज बनती तो ***
हास्य को हास्य में ही लीजियेगा ?
गब्बर , ठाकुर का हाथ लालू जी को वोट देने की खुन्नस में काट देता !
"पूरे पचास हजार" चुनाव की एक रात पहले वोटर का रेट होता।
"आज पूछूँगा ऊपर वाले से हमे दो-चार सीटें और क्यूँ नही दी" वाला सवाल रहीम
चाचा की बजाय सुशील मोदी जी पूछ रहे होते।
जय बसंती से फेसबुक पर मेसेज कर " तुम्हारा नम्बर क्या है , बसंती " पूछता ?
कहानी 'राम-गढ़' की होने के कारण दिग्विजय सिंह गब्बर के पीछे आर. एस . एस .
का हाथ बता देते।
'इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई' रहीम चाचा के बीजेपी कार्यालय पहुँचने के बाद बोला गया डायलॉग होता।
फिल्म के अंत में ठाकुर ,गब्बर को मारने की बजाय उसकी कड़ी निंदा करके पांच साल के लिए "जंगल राज " में छोड़ देता।
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