लोकपाल या जोकपाल ?
मैं किसी भी राजनैतिक पार्टी में नहीं हूँ , बस अपने हंसमुखी सपने में दिल्ली पहुँच कर बड़बड़ा रहा हूँ , " आप " भी पकिये !
फ्री में सब कुछ चाहा था न मैंने , अब कजरी बाबू की सुनिए :-
" अब जो भी मैं दे रहा ,उसको चुपचाप स्वीकार कर लो दिल्ली वालों ,तुम बोर्नवीटा के चहेतों ने हमें असीम शक्ति दे दी है ,जब तुम ने मुझ जैसे महाईमानदार , आम आदमी में अपना रहनुमा खोजा था ,उसी दिन तुम लोगो ने खाया धोखा था , इसको अब लोकपाल ,जोकपाल ,भोगपाल ,ठोकपाल ,चोरपाल जो बोलना है बोलो ,पांच साल दिल्ली और तुम लोगो को बेरहमी से भोगना है ,
हमने कहा :-
महा ज्ञानी खुजलीवाल जी " आप " शायद सुप्रीम कोर्ट ,दिल्ली पुलिस और भारतीय रिजर्व बैंक को लोकपाल के दायरे में लेना भूल गए ?
और ये अफवाह कौन फैला रहा है कि हर विधायक का वेतन 2 लाख 10 हज़ार रूपये महीना इसलिए किया गया है , क्यूंकि अब , 50 हज़ार हर महीने विधायक देंगे अपने वेतन से चंदा । यानि
60×50000=3000000 /-
मतलब हर महीने 30 लाख घर बैठाये ही , जनता कि जेब से निकल कर " आप " के पास ?
वेतन बढ़ाने पर केजरी जी ने कहा था की बढ़ा हुआ , वेतन भ्रष्टाचार कम करता है ।
अब देखिये त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का वेतन सिर्फ 5000₹ ।
ईमानदारी के मिसाल है माणिक सरकार जी ।
अब केजरी जी की माने तो ये सबसे भ्रष्ट होने चाहिए ?
अब हमारे भाग्य में केवल पछताना ही लिखा है ,
लो भैय्या जी और सुन लो -
"कजरी" जी के लोकपाल के द्वारा लिए गए निर्णय/कार्यवाही को किसी भी "कोर्ट" में चुनौती नहीं दी जा सकती है, अर्थात कजरी का लोकपाल देश की अदालत से भी बढ़कर है II
इसमें तीन सदस्य होंगे जिसमें से दो " आप " के और तीसरे ? ( शायद वो भी आप का ही खास होगा )
" आप " का शुक्रगुजार हूँ कि आपने रेलवे को अपने लोकपाल के दायरे से बाहर रखा वर्ना अपनी गाड़ी तो पटरी से ही उतर जाती ?
वैसे अंत में एक बात बोलें :- क्या , खूब हंसा रहे हो " आप " , दिल्ली को रुलाकर , वो भी फ्री में ?
हा हा हा ..... कोई हास्य बाण अगर " आप " के सीने में चुभे तो माफ़ कीजिये , हम भी लालू जी की तरह " आप " को चिपका देंगे ?
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