आज का संध्याकालीन हंसमुखी ज्ञान :-
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय ?
दिन भर लटके फेसबुक पर तो काम कहाँ से होय ?
रामचंद्र कह गए सिया से , ऐसा कलयुग आएगा ?
कॉपी करेगा व्हाट्सएप से , फेसबुक में चिपकायेगा ?
सिर्फ हास्य को समझने वाले ही लिंक खोलें बाकी सब शक्कर तोलें ?
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