शुभ रात्रि !


रोज ज़िन्दगी गुज़र जाती है ये ढूँढने में कि.....फेसबुक पर ढूंढना क्या है ?

अंत में तलाश सिमट जाती है इस सुकून में कि जो मिला.. वो भी कहाँ हमारा था ?

क्या ? " आप " भी बनना चाहते हैं, एक " हंसमुखी " केरेक्टर ?
तो चिपका दीजिये जो भी मन में आये , लपलपाता हुआ लाफ्टर !!!

आपको चैन से सोना है तो जाग जाइये , हास्य के साथ ही आप में से किसी को एक अच्छा ब्लॉगर भी बनना है ? 
चिपके रहिये ! हम बन गए तो " आप " भी बन जायेंगे ???

शुभ रात्रि !!!

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