न्यूटन के कजरी नियम !
दरअसल कजरी बाबू और हँसमुखी चैनल आपस में मिले हुए हैं और " आप " को पकाने के लिए हास्य - सृजन करते हैं !
कजरी बाबू अपने पोल्लुशन का सोलुशन खोज रहे थे , तभी हम उनको पकाने पहुंचे !
हम :- सर जी , आपने ओड - इवन की तरह " न्यूटन " से भी कुछ सीखा है क्या ??
कजरी जी :- तीनो से सीखा है ! पहला नियम जो यह बताता है कि जब तक बाह्य बल न लगाया जाय कोई वस्तु अपनी जगह नहीं छोड़ती , इससे हमने यही सीखा कि जब तक बड़ा लालच न दिया जाय , कुर्सी खिसकती नहीं है !
हम :- वाह ! सर जी , और दूसरे नियम से " पिंड की संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होती है ?
कजरी जी :- फ्री में पानी , बिजली और इंटरनेट ,से मिलने वाले वोट , सत्ता - परिवर्तन की दर के समानुपाती होते हैं !
हम :- कमाल की सोच रखते हैं सर जी " आप " भी , बस तीसरे नियम से " प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। " इससे क्या सीखा ?
कजरी जी :- भाई , हँसमुखी जी , एक राज की बात बता रहा हूँ कि ये नियम न्यूटन ने हमारे " यू - टर्न " से ही सीखा है !
हम गिरते - पड़ते फेसबुक तक पहुंचे हैं , " आप " सुनाइए ??? हास्य को हास्य में ही लीजियेगा !
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें