आप का " पाप "


आप की अदालत में " आप " का पाप !
आप पर इल्जाम है कि आपने अपने विधायकों की सैलरी प्रधानमंत्री से भी अधिक कर ली है ?
जवाब :- जज साब , ये काला-धन , काला-धन चिल्लाते रह गए और हम सफ़ेद धन ले आये , वो भी " आम " आदमी के विधायक के खाते में  , क्या बुरा किया ? बोलो ?
आप पर इलज़ाम है कि " आप " फ्री का वाई-फ़ाई , फ्री की बिजली और फ्री का पानी देने का वायदा करके पूरी दिल्ली गड़प लिए ?
जवाब :- देखिये जज साब , आखिर " आम " आदमी कौन है ? " हम "  , आम आदमी की टोपी कौन पहनता है ,  " हम " , और ये सब फ्री की चीजें कौन यूज़ कर रहा है ? " हम "  , फिर ..... अब इसमें ये दिल्ली की जनता कहाँ से आ गयी ? और आ भी गयी है तो चार साल बाद , थोड़ी बची खुची,  खुरचन दे देंगे , फिर पांच साल अपने ?
जज साब का फैसला :- " आप " की अदालत , " आप " को " बेइज़्ज़त " करके  बरी करती है , क्यूंकि ये अदालत " आप" की , लोकपाल  " आप " का , जज भी " आप " का , तो क्या जा रहा है, अपने बाप का ?
जज साब जाते - जाते एक हँसमुखी बात और बताये देतें हैं " आप " को , कि  ये आईडिया हमे तब आया , जब  , ये केंद्र सरकार ,  "दिल्ली पुलिस " को हमारे कब्जे में नहीं दे रहे थी  , तो हमने  सोचा कि पहले , जो हमारे कब्जे में है , उसे हड़पा जाए ? आखिर ईमानदारी भी कोई चीज़ होती है ? 
तालियां :-  क्यूंकि पब्लिक भी " आप " की है ! और हम भी " आप " के हैं ? लेकिन याद रखिये , कमेंट्स में जितनी बेइज़्ज़ती होगी  " आप " की होगी ? 
हा हा हा !

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