"आप" बताइए ?

पकाऊ पोस्ट :- हंसमुखी चैनल का " आप " से कोई सम्बन्ध नहीं है ! 
तीन , तिलंगे, तिहाड़ जेल से , तिरी हो लिए  , शाम के अँधेरे में तीनों ने टोपी से सर और मफ़लर से मुंह ढंक लिया , तीनो एक जैसे दिख रहे थे  , तभी उनकी नाक में हंसमुखी पकवानों की सुगंध घुसी और उनकी भूख , अधिक  तेजी से जाग गयी  ! सम और विषम की चर्चा उन्होंने जेल में ही  सुन रखी थी , आपस में विचार किया कि पहले तुम जाओ तुम्हारा नंबर विषम है ! पहला गया उसको देखते ही चौकीदार समझ गया कि ये बिन बुलाया मेहमान है ,  चौकीदार ने एक जोर का फटका लगाया , लेकिन उसने लौटकर यही बताया कि भैया खाना बड़ा लज़ीज था , दूसरे को भेजा , चौकीदार ने कहा , तुम दुबारा फिर से आ गए , अब की बार चौकीदार ने दो फटके तड़ा-तड़ चिपकाये  , उसने भी यही बताया कि खाना बहुत बढ़िया था , अब तीसरे की बारी आई , हंसमुखी चौकीदार का दिमाग अब तक  ख़राब हो चुका था , वो दना - दन फटके देते हुए बोला , अबे ठोलू तू  बार - बार पिटने क्यूँ आ रहा है , खाना तो दोपहर में था , अब तो सिर्फ बर्तन धुल रहे हैं ? 
जब वो वापस पहुंचा तो दोनों ने आश्चर्य से पूछा , भाई क्या खाना सचमुच पसंद आया ? तीसरा बोला , हाँ , भाई खाना तो अच्छा ही था लेकिन बेवकूफ छोड़ ही नहीं रहे थे , ठुंसा ठुंसा कर खिला रहे थे  ,  बड़ी मुश्किल से जान बचा कर आ पाया हूँ  !
मोरल :- मोरल - वोरल कुछ तो  है ?? , लेकिन " आप " को क्या  समझा ? , कमेंट्स में जरूर बताइये ? 



टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट