paise kaise bachayen ? पैसे कैसे बचाएं ?

पहले ,जब किराने की दुकान खोली थी , तब का म्हारी घरवाली हसवंती को लिखा प्रेम पत्र :-
हास्य को गंभीरता से लिया तो कोबरा काटेगा ! हा हा हा !
म्हारी हंसती हुए प्यार की दुकान ,म्हारा एक किलो ( 945 ग्राम ) प्यार,
आगे समाचार यो है की जब से तू , अपने भतीजे महंगाई लाल की शादी में गयी है, तब से थारी याद में म्हारा 43 मिलीलीटर खून घट गयो | थारे प्रेम में म्हारा तो घाटा ही घाटा हो रियो है, नफो तो कोई भी नई | थारे से शादी करके म्हारा तो दीवाला ही निकल गयो है | शादी के बाद में , थारा तो वजन बढ़ गया, पन म्हारी तिजोरी हल्की हो गयी, मैंने तुझे कितनी बार समझाया की असली घी मत खाया कर, पर तुने तो पूरो कनस्तर ही खाली कर दियो, अरे इतनी फिजूलखर्ची तो सरकार भी नहीं करती |
थारे मिलावटी प्यार की कसम, जब से तू गयी है, म्हारे को आटे-दाल का भाव मालूम पड़ गयो है | होटल में खाना कितना महंगा हो गया है अब तो दाम पूछ कर ही , म्हारी तो भूख मर जावे है I म्हारे प्रिय दोस्त अब फेसबुक पर नए नए पकवान दिखाकर म्हारो दिल के जखम पर टाटा का नमक खूब लगाया करे हैं ,अगर थारे प्रेम के बही खाते में म्हारे नाम की पूंजी लिखी हो तो अब ओर खर्चा मत करियो, भतीजे की शादी में लेन-देन करते समय होंशियारी से काम लीज्यो | लेन तो करियो ,पर देन मत करियो | ओर हाँ, पिछले टाइम थारे बाप ने म्हारे से 12 रु. उधार लिए थे, वो सूद समेत वसूली कर लीज्यो, आगे क्या लिखूं, थारे बिना म्हारे मन का गोदाम खाली पड़ा है, म्हारी प्यारी शक्कर की बोरी, थारे इन्तजार में मक्खियाँ गिणता थारा पति ..........
पूंजीमल " हँसमुखी "
होली की गोली मुबारक !
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