काल्पनिक मौत ?
इस पोस्ट से मेरा और मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है ? मेरे दोस्त की कहानी ???
एक रात मैं और मेरी पत्नी लिविंग रूम में बैठे बातें कर रहे थे और टॉपिक था---जीवन और मृत्यु।
बातों बातों में मैंने उससे कहा कि---" जीवन में कभी ऐंसा समय आए जब मुझे बोतलें लगी हों, मशीनों द्वारा मुझे जीवित रखा जा रहा हो, तब तुम वो सारे कनेक्शन उखाड़ फेंकना जो मुझे ज़िंदा रखे हुए हों। ऐसे जीने से तो मैं मर जाना पसंद करूँगा। "
मेरी बात सुनकर पत्नीजी सोफे से उठी और उसने सबसे पहले केबल टी वी डिस्कनेक्ट किया, फिर डी वी डी, फिर फेसबुक से उड़ाया , व्हाट्सऐप से भी , वेब साइट डिलीट , कम्प्युटर फेंका , फिर सेलफोन, फिर आईपॉड और इसके बाद वो लिविंग रूम के कोने में पहुँची जहाँ मैंने एक छोटा सा बार बना रखा था, उसने वहाँ मौजूद फ्रीज में से मेरी व्हिस्की, रम, जिन, वोदका और बियर की सारी बोतलें निकाल निकालकर बाहर फेंक दीं.......
विजय माल्या वाली बार खाली ?????
और इस प्रकार मैं वैसे ही मर गया !!! हा हा हा ! भूत बन गया !
मोरल : कुछ भी बोलने से पहले सौ बार सोचो, क्योंकि महिलाओं का दिमाग एक अलग ही दिशा पर काम करता है !!
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