गुमशुदा की तलाश ।
हास्य को हास्य में लीजिये ?
हंसमुखी चैनल द्वारा काल्पनिक नाम से पत्र ।
प्रिय वीजू , ( विजय माल लिया )
तुम वहां से यहाँ जल्दी लौट आओ ! तुम्हारी ममतामयी बैंकों का दहाड़ मार कर रोने से बुरा हाल है , कभी भी उनकी दीवाली यानि दिवाला निकल सकता है , तुम्हें अब बिकाऊ मिडिया भी कुछ नहीं कहेगा , तुम्हारे चक्कर में पड़ोस के माल लेने वालों को भी लेने के देने पड़ रहे हैं , तुम्हारे किंगफ़िशर प्रेमियों ने पीना तो दूर जीना ही छोड़ दिया है , तुम्हारी केलेंडर बालाएं अब अबला हो गयी हैं , तुम्हारी रॉयल क्रिकेट टीम अब लॉयल नहीं रही ,
तुम्हारा ही प्रिय मित्र सुब्रतो मुखर्जी "सहारा" तिहाड़ जेल से ।
नोट :- जिस किसी को भी ये गुमराह गुड्डा मिले , जेल तक जरूर पहुंचाएं , 9000 करोड़ की चड्डी में इनाम दी जायेगी ?
हा हा हा ।
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