पति-पत्नी-और-मोबाइल pati-patni-aur-mobile
हास्य को हास्य मत समझिये ?
चलिए छोड़िये , अब क्या छोड़ियेगा ? भाई , अब हमसे ये रोज - रोज के पड़ौसी के किस्से " आपको " सुनाते नहीं बन रहा है , फिर भी पको अब .......पडौसी बोले :- अगर आज की दुनिया में " पति - पत्नी और वो " बनती तो उसका टाइटल होता " पति - पत्नी और फेसबुक ? हमने कहा " भैया , ये फेसबुक क्या होती है ? वे बोले :- पता नहीं , लेकिन लगता है कि हम आधे बीवी के और आधे मोबाइल के गुलाम हो गए हैं ! हमने कहा यार . आधा पागल मत करो , किसी एक तरफ हो जाओ अगर न हो तो आपकी भाभी जी से पूछ लो ? हमने हांक लगायी " सुनती हो ? शर्मा जी क्या पूछ रहे हैं ?अन्दर से तीखी मिर्ची सी आवाज़ आई " तुम्हारी गुलामी से फुरसत मिले , तब तो सुनें किसी की ! तुम्हारे जैसे फालतू तो हैं नहीं कि सुबह ,दोपहर और शाम फेसबुक की ही पूजा करते रहें .......
( हमने देखा कि शर्मा जी अब खिसकने वाले हैं .... ) ! हमने फिर से आवाज़ लगायी .... चाय - नाश्ता वगैरह ले आओ बेगम , शर्मा जी जा रहे हैं !
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