कब आयेंगे अच्छे दिन ? बताइए ?

हास्य को हास्य में लीजिएगा :- तब " अच्छे दिन आएंगे " ?
एक भारतीय के जीवन का सबसे बड़ा हसीन झूठ :- जब मैंने पहली बार  शैतानी की थी और पिता जी ने  कान के नीचे चार बजाते हुए कहा था कि कड़ी मेहनत करो और दसवीं पास करो जिस पर पूरी ज़िंदगी का भविष्य निर्भर है , फिर अच्छी ज़िंदगी मिलेगी !
हो गया अब ?? ...फिर कहा बस दो साल XI और  XII कर लो ताकि अच्छा कॉलेज /NTTF/IIT/NIT/ मिले , ताकि जिंदगी सेट हो जाये फिर अच्छे दिन आएं !

हो गया अब ?....अच्छे से PG/MBA/GRE/GMAT/GATE की तैयारी कर लो नहीं तो पिछड़ जाओगे फिर निश्चित अच्छे दिन आएंगे ?

हो गया अब ?....अच्छी कम्पनी में प्लेसमेंट भी हो गयी , दिन रात कड़ी मेहनत करने के बाद शादी भी हो गयी , थोड़े दिन तक तो चुइंगम जैसा लगा फिर अच्छे दिन कब चले गए पता ही न चला ! जब बच्चों के डायपर चेंज करने पड़े , तब लगा कि इनके भविष्य के लिए और कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी तब  सर के बाल झड़ने लगे और अपना खुद का मकान बनाने में तो चाँद निकल आई ! अब लगने लगा कि शायद अच्छे दिन आएंगे ? तब तक बच्चे बड़े हो गए , शैतानी करके जैसे ही आये , हम समझ गए कि वही हसीन झूठ हमें भी बोलना है कि " कड़ी मेहनत करो और दसवीं पास करो जिस पर पूरी ज़िंदगी का भविष्य निर्भर है " , फिर अच्छी ज़िंदगी मिलेगी ! यहाँ तक तो जीवन चक्र ठीक है , 

पर अब शायद ? बच्चा , पापा  से एक बढ़िया सा फ्लैट और सुन्दर सी बहु भी मांग रहा है , पर हमने भी साफ़ - साफ़ कह दिया है कि ये सब तो मिल जाएगा पर तुम्हारे बच्चे की डायपर तुमको ही बदलनी पड़ेगी ??? अब " आप " कहोगे कि " आप " के तो  अच्छे दिन आ गए ? , हँसते रहिये हंसाते रहिये ! हा हा हा ! 



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