कॉपी पेस्ट का कहर डेंगू जैसा ?
सोशल मीडिया पर कॉपी पेस्ट का कहर बिलकुल उसी तरह फ़ैल गया है , जैसे डेंगू का कहर फैला था ? जिस तरह सरकार लोगों को भूखा नहीं रख रही , उन्हें दो रूपये किलो में चावल दे रही है , ठीक उसी प्रकार इंटरनेट भी आपको फ्री में पोस्ट उपलब्ध करा रहा है , लेकिन आप चाहें तो इस बीमारी से उबर सकते हैं ? कैसे ???
* कई बार सुने हुए जोक्स उठाकर सोशल मीडिया पर न फेंकिए , अगर हो सके तो उसमें कुछ अपनी तरफ से सामायिक हास्य जोड़िये , इसी प्रकार नेट से उठाकर फोटो अवश्य चिपकायें लेकिन उस पर अपने विचार रखिये ताकि उसमें चार चाँद लग सकें !
सोशल मीडिया को लोकप्रिय बनाने में कॉपी पेस्ट का बहुत बड़ा योगदान रहा है , जितने चुटकुले बाज़ और कवि यहाँ अपना साम्राज्य फैलाए हुए हैं , उतने तो विश्व की जनसँख्या के आंकड़ों में भी नहीं हैं , उस पर एक और कमाल कि जिसने वास्तव में कुछ लिखा है उसकी वाल पर " लातूर " सा सूखा पड़ा है और जिस फेक आई डी ने उसकी पोस्ट कॉपी की है , वो "वाह-वाही" के समुन्दर में गोते लगा रही है ?
मैं तो हास्य को फैलाने के लिए खुद कहता हूँ कि हास्य दूसरों को सुनाने के लिए होता है , दिल से कॉपी -पेस्ट कीजिये , शेयर कीजिये बस ...वही - वही , बार - बार करने की बजाय कुछ चेंज मारिए , अच्छा लगेगा खुद भी हँसते हुए सोचिये और लिखिए !
ज्यादा पका दिया हो तो टपकिए मत , इसे भी चिपका दीजिये ! हा हा हा !
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