कैसे बनें हंसोड़ ? ( kaise likhen vyang )
आप जोक कहाँ से लाते हैं ?
यह सवाल मुझसे पांच साल में सैकड़ों मित्रों ने पूछा है ! आज , जब मैं हास्य के साथ - साथ समाज सेवा भी करना चाहता हूँ , तब भी मेरे साथ सैकड़ों मित्र जुड़ गए हैं ! ढेर सारे मित्र हास्य को माध्यम बनाकर ब्लॉग से पैसे कमाना चाहता हैं ! आज बता रहा हूँ , कुछ राज की बात ! मैं पैसे के लिए हास्य नहीं लिखता लेकिन आप चाहें तो लिखिए , कोई भी काम बुरा नहीं होता यदि लगन से किया जाये ! याद रखिये " पहचान से मिला काम बहुत कम समय के लिए टिकता है , लेकिन काम से मिली पहचान उम्र भर कायम रहती है !
अगर आप हास्य लिखना या व्यंग बनाना चाहते हैं , तो अपने को जोकर कहलाने के लिए रहिये क्यूंकि दुनिया आप पर उलटवार करने के लिए हमेशा तैयार रहती है !
अपने आपको और अपने परिवार को खुश रखने का भरपूर प्रयास कीजिये ताकि आप हास्य लिख सकें सोच सकें !
अपने मन में हमेशा सोचते रहिये की किस बात से लोग हँसेंगे और किसी को ज्यादा हर्ट भी न हो !
जहाँ तक संभव हो नए और समसामयिक विषय पर लिखिए ! अपनी भाषा पर पकड़ रखिये !
अपने ऊपर व्यंग लिखिए , किसी जाति विशेष पर न लिखिए , विवादस्पद विषय पर सरल भाषा में तंज कसिये ! यानि कि व्यंग बाण ऐसा चलाइए की तीर तो लगे पर खून न निकले !
आप अपने ब्लॉग पर हास्य लिखिए ! आज का सबसे सरल पुण्य कार्य कीजिये !
ध्यान रखिये यदि आप शुरुवात कर रहे हैं तो दूसरे हास्य से प्लाट लीजिये लेकिन उसे अपने शब्दों में चेंज करके लिखिए , अगर आप धीरे - धीरे अपने शब्दों को पिरोने लग गए तो माला बनने में देर नहीं लगेगी !
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