शादी के सात वचनों का पोस्ट मार्टम !
कल से आगे की पोस्ट ?
हास्य को हास्य में ही लीजियेगा !
कई महिला मित्रों के मुंह बने हैं कि जब देखो तब पत्नीजी के पीछे पड़े रहते हो ?
आज सोचा चलो हंसमुखी पति महोदय को मुर्गा बनाया जाये , सभी होने वाले...... और हो चुके पति मित्रों को शादी के सात में से प्रथम तीन वचन समर्पित कर रहा हूँ , जिन पर पति का पक्ष रखा है , पसंद आये तो शेयर कीजिये !
ये हैं वो वचन जो शादी के समय कन्या अपने पति को देती है... कल तीनों बता दिए थे , अब चार बचे हुए वचनों का पोस्ट मार्टम !
चौथा वचन :-
4. मैं स्वच्छतापूर्वक सभी ऋंगारों को धारणकर मन, वाणी और शरीर की क्रिया द्वारा आपके साथ क्रीडा करुंगी।
पति का पक्ष :- कोई कमेंट्स नहीं ?
पांचवा वचन :-
5.कन्या पांचवे फेरे में कहती है कि मैं हमेशा सुख-दुख में आपका साथ दूंगी।
पति का पक्ष :- शायद सुख - दुःख की जगह , "सुख - सुख " होगा क्यूंकि जरा सा दुःख हुवा नहीं कि "राई को पहाड़" बनाने का डिग्री और डिप्लोमा दोनों होता है आपके पास , वह भी विशेष योग्यता के साथ , अपनी ही प्रतिष्ठित " मायके यूनिवर्सिटी " से !
छटवां वचन !
6.कन्या छठे फेरे में कहती है कि मैं सास-ससुर की सेवा करुंगी। आप जहां रहेंगे मैं आपके साथ वहीं रहूंगी। मैं आपके साथ कभी भी ठगी नहीं करुंगी।
पति का पक्ष :- वाह ! अब या तो सास - ससुर की सेवा करवा लो या अपने पास रख लो वाली बात है , इसमें हम पति खुद को जिम्मेदार मानते हैं और रही बात ठगी नहीं करने की , तो यह आज तक समझ में नहीं आया कि तुम ठग नहीं रही हो तो ये माल कहाँ जा रहा है ???
7.सातवें यानि कि अंतिम फेरे में कन्या अपने पति को वचन देती है कि मैं अर्थ और काम संबंधी कार्यों में मैं आपकी इच्छा के ही अधीन रहूंगी। यहां पर आप सभी परिजनों के सामने मेरे पति बने हो मैं यह तन आपको अर्पण करती हूं।
पति का पक्ष :- इसमें और चौथे वचन में कुछ कुछ समानता है , वहां आपके सामने और यहाँ परिजनों के सामने पति बनना है , यहाँ तो दुनिया के सामने बन रहे हैं ?? इसलिए नो !!
मैंने अपनी तरफ से मर्यादा कायम रखी है , आप भी हास्य को हास्य में लीजिये , जहाँ चुप रहना हो वहां " मनमोहन " मोड में रहिये ?
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