हंसमुखी कहानी खुद की जुबानी !

हास्य को हास्य में लीजिये ?

कभी कभी प्रोफाइल पिक्चर को लाइक न करना महंगा पड़ सकता है !

पड़ौस में रहने वाले हंसमुखी दंपत्ति की कहानी है , लेकिन आपको जबरन सुनानी है ?
पतिदेव शाम को तरबूज लेकर घर में घुसे तो अपनी पत्नी जी का मुंह खरबूजे की तरह लाल देखकर रुके , फिर थैला पटककर सोचने लगे कि आज जरुर लंगूरी कामवाली अच्छा सूट पहनकर चिढ़ा गयी होगी ? फिर सोचा कहीं पड़ोसन तो नयी साड़ी दिखाकर चटका गयी ?
 तभी कानों में कर्कश ध्वनि में स्वर गूंजा , उठा लाये पिलपिला तरबूज , अब खुद ही काटना ? पति ने धीरे से पुचकारा " नाराज़ हो क्या ? " 
पत्नी  बोली :-  तुमने मेरी प्रोफाइल पिक्चर लाइक क्यूँ  नहीं की  ? 
पति बोला :- अब दिन भर प्रोफाइल पिक्चर बदलती रहोगी तो ऑफिस का काम भी करूँगा कि बस एक यही काम है ?
पत्नी ( गुस्से से ) :- पंडित जी के सामने सातों वचन कितनी ख़ुशी ख़ुशी लिए थे ? क्यूँ ??

पति :- इसमें शादी के वचन कहाँ से घुस गए ? मैंने तो यह वचन दिया था की " हमेशा सुख - दुःख में साथ दूंगा " ? और तब फेसबुक कहाँ थी ?

पत्नी :- अरे , अगर एक लाइक अपनी बीवी को दे देते तो कौन सा अंगूठा घिस जाता ? लेकिन मेरी ख़ुशी की बात आती है तो सब भूल जाते हो कि मेरी वज़ह से ही फेसबुक पर सब सरजी - सरजी बोलते हैं !
पति ( मक्खन लगाते हुए ):- चलो इसी बात पर अभी दो लाइक ठोक देते हैं !

पत्नी :- अब रहने दो , मैंने कबकी बदल ली , वो वाली , तुम्हारे भरोसे ही थोड़ी बैठी रहती ??

पति ने खरबूजा अपने सर पर फोड़ लिया है , जिसको खाना हो बताना !!!



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