योग दिवस कैसे मना ?

हास्य को हास्य में लीजिये ?


ये पिछले साल की योग दिवस की पोस्ट है , अगर आपने पहले पढ़ी है  तो कृपया बार बार पढ़ कर "पकन योग" न करें ?

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एक हंसमुखी एडमिन के घर , पकाऊ पडौसी उन्हें पकाने के लिए तशरीफ़ लाये ।
एडमिन : भाईसाहब, कल योग दिवस की तैयारी नहीं कर रहे हैं ?
पडौसी :- सोचा , आप से कुछ योग ज्ञान ले लूँ , वैसे मौसम बरसात का है और भाभी जी के हाथ के पकौड़े याद आ रहे हैं !
एडमिन ( सोचते हुए ) : कौन से ? पनीर के पकौड़े या बेसन के पकौड़े ?
पडौसी: पनीर पकौड़े ही ले लूँगा।
एडमिन : कौन से तेल के लेंगे ? मीठे तेल के या रिफाईन्ड तेल के ?
पड़ौसी ( थोड़ा खीजते हुए ) : जो तेल आप के घर में हो उसी के बनवा लीजिये । अपुन को सब चलता है !
एडमिन : लेकिन कड़ाही कौन सी चलेगी लोहे की या स्टील की ?
पड़ौसी : (परेशान होते हुए ): अरे यार, लोहे की कढ़ाई अब रखता ही कौन है आजकल ?
एडमिन ( पत्नी जी को आवाज लगाते हुए ) : सुनती हो , भाई साब को स्टील की कढ़ाही में पनीर के गरमा गरम पकौड़े खाने हैं ! अपने घर में है या नहीं ?
समझदार बीवी : नहीं है जी। आप को पता ही है , दहेज़ में मिली मेरे मायके की लोहे की कढाई अब तक चल रही है !
एडमिन : ओ तेरी ! नहीं है क्या ? चल फिर रहने दे, भाईसाहब को मजा नहीं आएगा। वैसे भी कल योग दिवस के दिन , बिना मतलब का वजन बढ़ जाता !
नोट :- भाईसाब बिन पलटे , रात में ही " बड़- बड़ " योग करते-करते  निकल लिए हैं , लेकिन " आप " को पनीर पकौड़े खाने हों तो आइयेगा जरूर मैंने भी काफी दिनों से नहीं खाए हैं ? बस पनीर , बेसन और अपनी पसंद का तेल लाना न भूलें क्यूंकि बाहर बरसात हो रही है और बरसाती धोई नहीं है !

हा हा हा ! हास्य योग करना न भूलें !

एक शादीशुदा की दुखी कलम से योग दिवस ।

योग दिवस को मैं , कुछ इस तरह से मना रहा हूँ,
रात को उसके पैर दबाए थे अब पोंछा लगा रहा हूँ।

धो रहा हूँ बर्तन और बना रहा हूँ चपाती,
मेरे ख्याल से यही होती है कपालभाति।

एक हाथ से पैसे देकर, दूजे हाथ में सामान ला रहा हूँ मैं,
और इस प्रक्रिया को अनुलोम विलोम बता रहा हूँ मैं।

सुबह से ही मैं , घर के सारे काम कर रहा हूँ,
बस इसी तरह से यारों प्राणायाम कर रहा हूँ।

मेरी सारी गलतियों की जालिम ऐसी सजा देती हैं,
योगो का महायोग अर्थात मुर्गा बना देती हैं।

हे योग देव अगर आप गृहस्थी बसाते,
तो हम योग दिवस नहीं पत्नी दिवस मनाते।

 एक शादीशुदा की 'दुखी' कलम से योग दिवस की मासूम सी योग गाथा ।

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