HANSMUKHI FUNNY INTERVIEW PART 3
हास्य को हास्य में लीजिये :- हंसमुखी इंटरव्यू !हास्य को हास्य में लीजियेगा :-
हंसमुखी चैनल का इंटरव्यू पार्ट – 3 !
( हमने आज आपने आगे के दरवाज़े में ताला फंसा दिया था ताकि ये पगलू पत्रकार आज हमें न पकाए , लेकिन ये पीछे के दरवाजे से घुस आया है , अब इसके पिछवाड़े को बातों के टमाटर से लाल नहीं किया , तो बोलना ?? ) पत्रकार :- सर जी , बुरा न माने तो क्या आप बताएँगे कि ये फेसबुक का नशा आप कब से कर रहे हैं ? ? दिन में कितनी पोस्ट मारते हैं ? हम :- अरे ! क्या हमें , “ उड़ता पंजाब “ समझा है और अब “उड़ता फेसबुक “ बनवाना है क्या ? और इतनी इज्जत से तो कोई किसी गंजेड़ी , नशेडी से भी नहीं पूंछता , फिर भी बताये देते हैं कि एक फेसबुकिये दोस्त ने इसकी लत लगायी थी और पोस्ट कौन गिनता है , बस मौका निकालना पड़ता है , मौका ? पत्रकार :- “आप” कुछ नया आइटम क्यूँ नहीं लाते फेसबुक पर ?
हम :- आम आदमी पार्टी से रिश्वत खाके आये हो क्या ? आइटम से क्या मतलब है तुम्हारा ?
पत्रकार :- अरे , मैं तो नए जोक्स , हास्य व्यंग की बात कर रहा था ?
हम :- ये बताओ घर में तो तुम रोज अपनी बीवी के हाथ की दाल रोटी ही खाते हो वो भी बिना मीन मिक्स निकाले और यहाँ नया – नया चाहिए क्यूँ ?? यहाँ कोई विविधभारती का फरमायसी प्रोग्राम नहीं है , ये फेसबुक है प्यारे ! यहाँ जो मिले वो चुपचाप पढ़ो वरना आगे बढ़ो , यहाँ तरह – तरह के व्यंजन पड़े हैं लेकिन जिसकी गरज है उसको ढूँढना पड़ता है कि तुम्हारी चटोरी जीभ ने किसका स्वाद चखा है और किसका नहीं ! यहाँ सभी को फुल आज़ादी है , बस अश्लीलता पर पाबन्दी है !
पत्रकार :- आपके ग्रुपों में राजनैतिक और जातिवाद की पोस्ट अप्रूव क्यूँ नहीं होती ?
हम :- अब इतने भी अकललेस नहीं हैं हम , हमारे सभी ग्रुपों में भाई-चारे का माहौल है और जातिवाद की जगह हम लोग खुद पर ही जोक्स बना लिए करते हैं !
पत्रकार :- सर जी , सुना है कल आपके घर से मारामारी और तेज बर्तन फेंकने जैसी आवाजें आ रही थीं ?
हम :- पागल हो गए हो क्या ? ऐसा कौन सा आदमी होगा जो ख़ुशी – ख़ुशी बर्तन धोता होगा ??
पत्रकार :- अब चलता हूँ , सर जी , मुझे भी घर जाकर बहुत सारे काम निपटाने हैं !
हम :- जाओ – जाओ , बड़े पत्रकार बने फिरते हो लेकिन इतने डरपोंक हो कि ये बताने में भी शर्म आती है कि अपने घर के काम में मदद करते हो अगर देशद्रोहियों की खबर मिल जाए तो उछल – उछल कर , नाच – नाच कर बताओगे ! अब निकल लो पतली गली से वर्ना पिछवाड़े .................
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