निवेदन

आदरणीय प्रधानमंत्री जी को फेसबुक की जनता की तरफ से स्नेह पत्र लिखने का मन था ,  फिर सोचा " फन की बात " कह देते हैं ताकि सांप भी मर जाये और  लाठी  भी न  टूटे  ?
परमादरणीय प्रधानमंत्री जी ,
सादर प्रणाम , नमो नमन !
वैसे यह हमारा सौभाग्य ही है कि हमारा नाम और राशि आपसे मिलती है ! इसलिए अपनी बुराई तो करेंगे नहीं, और इस बात से भी सहमत हैं कि जब से आपने गद्दी सम्हाली है , कुदरत भी देश का साथ नहीं दे रही है , फिर भी कुछ लोगों के जहन में जो सवाल उठ रहे हैं ! उन्हें " फन की बात " के माध्यम से आप तक पहुँचाने का प्रयत्न किया है और आगे भी जारी रखेंगे !
फन की बात :- ( हँसमुखी चैनल से प्रसारित )
* लोग प्रश्न पूछ रहे हैं कि आप विदेश के दौरे अधिक कर रहे हैं जैसे आपको इलेक्शन की जीत के रूप में " वर्ल्ड टूर का पैकेज  " इनाम  में मिला हो   ? लोग यहाँ तक कहते हैं कि पिछले प्रधानमंत्री जी " साइलेंट मोड " पर रहते थे और आप " फ्लाइट मोड " पर रहते हैं ?
 मुझसे यह बात हज़म नहीं हुई , इसलिए , आप की तरफ से काल्पनिक जवाब दिया है  :-  अरे भाई , पड़ौसी मुसीबत में हमेशा काम आता है ! विदेशी निवेश को लाने के लिए विदेश जाना जरुरी है ! विकास को  आने में और काले धन को लाने में , देर हो सकती है पर अंधेर नहीं !
परमादरणीय प्रधानमंत्री जी , आपसे , अमेरिका , चीन और पाकिस्तान डर रहा है , फिर ये छोटे  से  " दाल के कालाबाज़ारी "  लम्पट  लोग , क्यों घोटाले कर रहे हैं ? आप पड़ौसियों से मदद लीजिये न ,  वहां दाल सस्ती है , ताकि हम गर्व से कह सकें कि पड़ौसी से सम्बन्ध अब काम आ रहे हैं ! शेष अगली बार ...

आपको, हम सब फेसबुकवाशियों की तरफ से दशहरे की शुभकामनायें !

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