विडंबना :- ( हास्य नहीं है , काश ये सब सच न हो ? )
साल 2050.. दिल्ली का इलाका..
सारा परिवार घर में माथा पकड़कर बैठा है.. 50 करोड़ में फ्लैट लिया
था .. सारी सुविधा थी.. बस इधर
महीने भर से पीने का पानी
नहीं आ रहा.. क्योंकि भूजल स्तर अपने शोषण
की वजह से सुख चुकी है..  दिल्ली सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं.... ये परिवार
हर दिन 2000 रुपये का पानी खरीद कर ला रहा है ..और कोई चारा नहीं है ..
दिल्ली ही नहीं पूरे  देश में मुम्बई सहित .. यही हाल है .. जितने
भी बड़े शहर है सभी जगह.. एक एकबूँद के लिए तरसते लोग भटक रहे हैं ... वो लोग जिन्होंने लाखो
करोडो में घर ख़रीदे थे वो घर कौड़ियो के भाव भी कोई खरीदने को तैयार नहीं
.. पानी के बगैर कैसा घर ?
शहर में हिंसक आंदोलन चल रहे हैं .. पुलिस की लाठियों से प्यासी जनता घायल हो कराह
रही है .. लाखो लोग जिनका खानदानी गाँव
में कुछ बचा था वो गाँवों की तरफ पलायन कर गए हैं
क्योंकि गाँवों में आज भी भूजल स्तर बचा है
पानी आ रहा है ..
लाखों लोगों ने शहर की जमीन फ्लैट औने
पौने बेच कर गाँव में जमीन ले ली है ..
शहर में काम करने वाले बहुत ही महंगे
पानी के बोतल खरीदने को विवश है .. पर
नहाना .. भी है खाना भी बनाना है .. इतना
खरीदना संभव नहीं .. कई लोग कई कई
दिनों पर नहां रहे हैं .. बीमारियां फ़ैल रही
है ..
टैंकर देखकर भीषण भीड़ टूट
पड़ती है .. मारा मारी चीख
पुकार मच जाती है .. गोलियां चल जाती है
.. प्रशासन ने इस मामले पर हाथ खिंच लिया है
...किसी को घंटो लगने के बाद भी
पानी नहीं मिल पा रहा..... अच्छे घरो
की महिलाएं जिन्होंने घर से बाहर कदम
नहीं रखा था आज टैंकर के सामने घंटो लड़ाई लड़ने को
विवश हैं ..
आबादी .. जी हाँ ये हुआ
आबादी बढ़ने से .. जमीन के
भीतर पानी एक सीमित मात्रा
में है ये सब जानते हैं .. पहले तो लोग बोरिंग की
गहराई बढ़वाते गए और अंत में पानी खत्म हो
गयी तब होश आया .... नदियां तो बहुत पहले सूख चुकी थी.. जनता को आज समझ आ रहा
है कि नदियो का क्या महत्त्व होता है. क्यों हम  नदियो की पूजा करते थे ...
 .. .. देश में गृहयुद्ध की स्तिथि है ..
चीन की भी यही हालात है .. पाकिस्तान की भी
ऐसी ही स्तिथि है .. तेजी से
बढ़ी दुनिया की आबादी, अर्थव्यवस्था की बढ़ी विकास दर,
नगरीकरण की तेज हुयी गति, लेकिन मनुष्य के जीवित रहने के लिए जो मूलभूत जरूरतें
थी ..उनमें जल सबसे महत्वपूर्ण है. बहुत पहले ही यह आशंका जतायी जा चुकी थी कि 21वीं
सदी का युद्ध जल के लिए होगा. यह आशंका सही साबित हो चुकी है ...

तो ये है 2050 का विश्वयुद्ध याने जल युद्ध ..
(UN ने 2030 से इस युद्ध के शुरू होने की घोषणा
की है जो 2050 तक महायुद्ध में
तब्दील हो जाएगा )
काश ! कोई महान आत्मा ऐसा होने से रोक दे ????

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