उत्तर प्रदेश में शीला की जवानी ?
शीला की जवानी इन उत्तर प्रदेश !
उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने शीला दिक्षीत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया ???
कृपया इसे हास्य में न लीजिये ?
उत्तर प्रदेश का सच !!!
शीला दीक्षित जी के सीएम कैंडीडेट बनते ही पूरे यूपी के ब्राह्मण , कांग्रेस को वोट देने निकले, छह महीने पहले ही वोटरों की कतारें लगीं ? बीजेपी में अफरा तफरी ।
नवाबों के शहर लखनऊ से :-
शीला दीक्षित को सीएम कैंडीडेट बनाते ही यूपी में कांग्रेस की क़िस्मत पलट गयी। जैसे ही शीला जी द्वारा मुख्यमंत्री पद की दावेदार घोषित हुईं, पूरे यूपी के ब्राह्मण उन्हें वोट देने के लिये घर घर से हर घर से निकल पड़े। और जैसे ही ये ख़बर फैली कि वो यूपी की बहू भी हैं, फिर तो दूसरी जातियों के लोग भी वोटिंग सेंटर ढूंढने लगे।
कांग्रेस को वोट देने पहुंचे बहु जातिय वोटरों की भीड़ से पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी मच गयी है। सभी प्राइमरी स्कूलों पर ब्राह्मणों की लंबी-लंबी लाइनें लग गयी हैं। प्रशासन उन्हें समझा रहा है कि अभी चुनाव होने में कई महीने बाक़ी हैं लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं।
कुछ जगहों से ख़बरें आ रही हैं कि पुलिस उन्हें ज़बरदस्ती ट्रकों में भर-भरकर उनके घर पहुंचा रही है।
रायबरेली में सुबह 7 बजे से वोटिंग लाइन में लगे धरम नाथ तिवारी नाम के एक बुज़ुर्ग ने खैनी रगड़ते हुए कहा कि “हम तो कांग्रेस को वोट देकर ही घर जायेंगे। अपनी बहू का मुँह आज 50 साल बाद जो देखा है, इसलिये मुँह-दिखायी में आज अपना वोट देंगे।”
चुनाव आयोग की भी समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें क्योंकि देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि लोग चुनाव से 6 महीना पहले ही वोट डालने पहुंच गये हों। उधर, इस घटनाक्रम से उत्साहित कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने मांग की है कि “जो लोग वोट देने आ गये हैं, उनके वोट अभी डलवा लिये जायें, काउंटिंग चाहे बाद में कर लें।” लेकिन चुनाव आयोग ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है।
इस पर श्री बब्बर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि “मुलायम जी और मोदी जी हमें सरकार बनाने से रोक रहे हैं। जैसे-तैसे तो कोई हमें वोट देने को तैयार हुआ है और ये उन्हें वोट नहीं डालने दे रहे। लेकिन हम भी हार नहीं मानेंगे। हमारे कार्यकर्ता कनस्तर और डब्बे लेकर आ रहे हैं, हम उनमें वोट डलवायेंगे।”
नवाबों के शहर लखनऊ से :-
शीला दीक्षित को सीएम कैंडीडेट बनाते ही यूपी में कांग्रेस की क़िस्मत पलट गयी। जैसे ही शीला जी द्वारा मुख्यमंत्री पद की दावेदार घोषित हुईं, पूरे यूपी के ब्राह्मण उन्हें वोट देने के लिये घर घर से हर घर से निकल पड़े। और जैसे ही ये ख़बर फैली कि वो यूपी की बहू भी हैं, फिर तो दूसरी जातियों के लोग भी वोटिंग सेंटर ढूंढने लगे।
कांग्रेस को वोट देने पहुंचे बहु जातिय वोटरों की भीड़ से पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी मच गयी है। सभी प्राइमरी स्कूलों पर ब्राह्मणों की लंबी-लंबी लाइनें लग गयी हैं। प्रशासन उन्हें समझा रहा है कि अभी चुनाव होने में कई महीने बाक़ी हैं लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं।
कुछ जगहों से ख़बरें आ रही हैं कि पुलिस उन्हें ज़बरदस्ती ट्रकों में भर-भरकर उनके घर पहुंचा रही है।
रायबरेली में सुबह 7 बजे से वोटिंग लाइन में लगे धरम नाथ तिवारी नाम के एक बुज़ुर्ग ने खैनी रगड़ते हुए कहा कि “हम तो कांग्रेस को वोट देकर ही घर जायेंगे। अपनी बहू का मुँह आज 50 साल बाद जो देखा है, इसलिये मुँह-दिखायी में आज अपना वोट देंगे।”
चुनाव आयोग की भी समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें क्योंकि देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि लोग चुनाव से 6 महीना पहले ही वोट डालने पहुंच गये हों। उधर, इस घटनाक्रम से उत्साहित कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने मांग की है कि “जो लोग वोट देने आ गये हैं, उनके वोट अभी डलवा लिये जायें, काउंटिंग चाहे बाद में कर लें।” लेकिन चुनाव आयोग ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है।
इस पर श्री बब्बर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि “मुलायम जी और मोदी जी हमें सरकार बनाने से रोक रहे हैं। जैसे-तैसे तो कोई हमें वोट देने को तैयार हुआ है और ये उन्हें वोट नहीं डालने दे रहे। लेकिन हम भी हार नहीं मानेंगे। हमारे कार्यकर्ता कनस्तर और डब्बे लेकर आ रहे हैं, हम उनमें वोट डलवायेंगे।”
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें