hansmukhiji ka interview part VI
हंसमुखी इंटरव्यू भाग - छह !
हंसमुखी चैनल का इंटरव्यू :- पार्ट VI
हड़ताल फिलहाल टली तो हमारे वाले पत्रकार ने सोचा , चलो अपनी TRP बढ़ाएं इसलिए सुबह - सुबह हमारे घर पर टपक पड़े ?
पत्रकार :- सर जी , ऐसी क्या बात हो गयी कि अब आपकी पोस्ट पर उतने लाइक और कमेंट्स नहीं आते , जितने पहले आते थे !
हम :- अब इसे भूल कह लो या फ़साना , हुआ क्या कि जो भी मित्र हमारी पोस्ट पर अच्छे - अच्छे कमेन्ट्स करता था उसे हमने अपने हंसमुखी चैनल के कुछ ग्रुपों में एडमिन बना दिया , बस उनको भी हमारी तरह एडमिन बनने का चस्का लग गया और उन्होंने भी 20-25 अपने ग्रुप और बना लिए और उन ग्रुपों में हमें भी एडमिन बना कर हमारा मुंह बंद कर दिया अब बताओ क्या करें ?
पत्रकार :- " आप " फर्जी लाइक और कमेंट्स क्यों नहीं ख़रीद लेते ? 10 - 12 फर्जी आई डी बना कर अपनी पोस्ट पर खुद लाइक और कमेंट्स क्यों नहीं चिपकाते , बहुत सारे लोग दिन भर यही करते रहते हैं !
हम :- अरे पगले ! फेसबुक की जनता अभी इतनी बुद्धू नहीं हुयी , समझे क्या , वो सब समझती है और आज कल गूगल से आई पी पता चल जाती है और फ़र्ज़ी आई डी का जाल भी ख़तम होने वाला है ! इसलिए जो है , जैसा है उसी में खुश रहना होगा ?
पत्रकार :- आपने अपनी प्रोफाइल का नाम " हंसमुखीजी डॉट कॉम " क्यों रख लिया ?
हम :- क्या है कि हम अपनी वेबसइट का लिंक शेयर किया करते थे , अपने नाम के नीचे वेबसइट का नाम सेट कर रहे थे तभी कामवाली बाई ने टाइम पूछा , हमने बता तो दिया ....... बस तभी उसके बॉब कट बाल देखते देखते वेब का नाम सेव हो गया और अब छः महीने के लिए लॉक हुआ है नए साल में खुलेगा !
पत्रकार :- पे कमीशन वाली हड़ताल अब चार महीने टल गयी आपका क्या कहना है ?
हम :- हड़ताल तो टल गयी लेकिन सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट कर्मचारी की लड़ाई करवा गयी और बीच में बेरोजगार का आचार बना वो अलग , इसलिए हमारे साथी एडमिन बेरोजगारों के लिए " इंटरनेट से घर बैठे पैसे " कैसे कमाएं वाली वेब " रुपए डॉट कॉम" को फिर से शुरू करने की जिद कर रहे हैं , इसलिए उसकी तैयारी चल रही है !
पत्रकार :- अच्छा सर जी , चलते हैं , आज आपने चाय पानी की भी नहीं पूछी ???
हम :- ऐसा है भईय्या जी ! रोज - रोज टपकने वाले के लिए ...हमारे घर का दूध फट जाता है या गैस ख़तम हो जाती है क्यूंकि हमें पता है कि चाय पत्ती और शक़्कर की पुड़िया तो तुम जेब में ही रखते हो !!! ......
पत्रकार तो पक कर कब का निकल लिया अब " आप " ही बचें हैं ! शुभ दिन !
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